नया साल ख़ुशियोँ का पैग़ाम लाए نیا سال خوشیوں کا پیغام لائے




नया साल ख़ुशियोँ का पैग़ाम लाए
डा. अहमद अली बर्क़ी आज़मी

नया साल ख़ुशियोँ का पैग़ाम लाए
ख़ुशी वह जो आए तो आकर न जाए

ख़ुशी यह हर एक व्यक्ति को रास आए
मोहबब्बत के नग़मे सभी को ससुनाए

रहे जज़बए ख़ैर ख़्वाही सलामत
रहैँ साथ मिल जुल के अपने पराए

जो हैँ इन दिनोँ दूर अपने वतन से
न उनको कभी यादे ग़ुर्बत सताए

नहीँ ख़िदमते ख़ल्क़ से कुछ भी बेहतर
जहाँ जो भी है फ़र्ज़ अपना निभाए

मुहबबत की शमएँ फ़रोज़ाँ होँ हर सू
दिया अमन और सुल्ह का जगमगाए

रहेँ लोग मिल जुल के आपस मँ बर्क़ी
सभी के दिलोँ से कुदूरत मिटाए

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