पोलियो Topical Urdu Poetry On "POLIO" By Dr.Ahmad Ali Barqi Azmi
पोलियो
पोलियो की है ज़रूरी रोक थाम
कीजिए बर वक़त इसका इंतेज़म
तंदुरुसती का है ज़ामिन यह डराप
इस लिए लाज़िम है इसका एहतेमाम
है यह बचचोँ के लिए जामे सेहत
तंदुरुसती की एलामत है यह जाम
है गर दरकार हिफ़ज़ाने सेहत
इस मिशन को कीजिए लोगोँ मेँ आम
क़ौम के मेमार हैँ बचचे यही
मुलक का जो कल सँभालेँ गे निज़ाम
है ज़रूरी इन की ज़ंहनी तरबियत
इन मेँ शायद हो कोई अबदुल कलाम
है नमूना जिस का किरदारो अमल
है ज़बाँ पर हर किसी की जिसका नाम
शायद इन मेँ कोई सर सययद भी हो
जिस का जारी आज तक है फैज़े आम
है अली गढ जिस काम मैदाने अमल
मुलक का रौशन किया है जिस ने नाम
कोई शायद हो हकीम अबदुल हमीद
जिस का है हमदरद एक नक़शे दवाम
था जो अपने आप मेँ एक अंजुमन
ख़िदमते ख़लक़े ख़ुदा था जिलका काम
जामिया हमदरद है इस का सबूत
इसतेफ़ादह कर रहे हैँ ख़ासो आम
हर कि ख़दमत करद ऊ मख़दूम शुद
ज़ात पर सादिक़ है उनकी यह कलाम
पोलियो दर असल है सोहाने रूह
इस का होगा कब न जाने एख़तेताम
हो सका इस का न अब तक सददेबाब
है यह बरक़ी एक इबरत का मोक़ाम
डा. अहमद अली बरक़ी आज़मी
598।9, ज़ाकिर नगर,नई देहली-110025
पोलियो की है ज़रूरी रोक थाम
कीजिए बर वक़त इसका इंतेज़म
तंदुरुसती का है ज़ामिन यह डराप
इस लिए लाज़िम है इसका एहतेमाम
है यह बचचोँ के लिए जामे सेहत
तंदुरुसती की एलामत है यह जाम
है गर दरकार हिफ़ज़ाने सेहत
इस मिशन को कीजिए लोगोँ मेँ आम
क़ौम के मेमार हैँ बचचे यही
मुलक का जो कल सँभालेँ गे निज़ाम
है ज़रूरी इन की ज़ंहनी तरबियत
इन मेँ शायद हो कोई अबदुल कलाम
है नमूना जिस का किरदारो अमल
है ज़बाँ पर हर किसी की जिसका नाम
शायद इन मेँ कोई सर सययद भी हो
जिस का जारी आज तक है फैज़े आम
है अली गढ जिस काम मैदाने अमल
मुलक का रौशन किया है जिस ने नाम
कोई शायद हो हकीम अबदुल हमीद
जिस का है हमदरद एक नक़शे दवाम
था जो अपने आप मेँ एक अंजुमन
ख़िदमते ख़लक़े ख़ुदा था जिलका काम
जामिया हमदरद है इस का सबूत
इसतेफ़ादह कर रहे हैँ ख़ासो आम
हर कि ख़दमत करद ऊ मख़दूम शुद
ज़ात पर सादिक़ है उनकी यह कलाम
पोलियो दर असल है सोहाने रूह
इस का होगा कब न जाने एख़तेताम
हो सका इस का न अब तक सददेबाब
है यह बरक़ी एक इबरत का मोक़ाम
डा. अहमद अली बरक़ी आज़मी
598।9, ज़ाकिर नगर,नई देहली-110025